
Kahin toh Hogi Woh Duniya
🎶(Verse 1) कहीं तो होगी वो दुनिया मेरी, जहाँ माँ की हँसी मेरे संग खेले, जहाँ पापा की बाहें मुझे थाम ले, बचपन की रातें चाँदनी में ठहरे... 🎶 (Pre-Chorus) क्या वो मेरी ही दुनिया थी, या कोई सपना, कोई कहानी थी? क्या अगर मैं वहाँ पहुँच जाती, तो ये तन्हाई भी मिट जाती? 🎶 (Chorus) कहीं तो, कहीं तो, मेरे सपनों की ज़मीं होगी, जहाँ दिल रोशन, जहाँ रूह भी मेरी होगी! कहीं तो, कहीं तो, वो दुनिया मेरी होगी... 🎶 (Verse 2) कहीं तो होगी वो दुनिया तेरी, जहाँ मैं था तेरा साया, तेरा संगी, जहाँ हर मोड़ पर मैं खड़ा था, तेरी तकलीफों को मोड़ने के लिए... 🎶 (Spoken Interlude) "अगर सच में वो दुनिया होती... तो भी क्या तू मुझे अपनाती?" (If that world was real… would you still choose me?) 🎶 (Final Chorus) कहीं तो, कहीं तो, मेरी भी एक जगह होगी, जहाँ मैं तेरा हिस्सा बन पाऊँगी… कहीं तो, कहीं तो, मेरी भी वो दुनिया होगी... या फिर मेरी कहानी अधूरी ही रहेगी...?
