
[Verse] रात की चादर गहरी काली चुपके चलते योद्धा हमारी साँसों में गरम लहू की लहर धरती हिलाए ताकत बेशुमार [Chorus] प्रलय के सिपाही बढ़ते आगे दुश्मन के छुपे दिल ताजे-ताजे हर कदम गूँजे गरज की बातें हम लाएंगे जीत की सौगातें [Verse] छाया के साथी रण के प्यासे दुश्मन बच न पाए हमारे पासे आँखों में अंगार इंसाफ़ का जल सिमटी रातें टूटेगा हलचल [Chorus] प्रलय के सिपाही बढ़ते आगे दुश्मन के छुपे दिल ताजे-ताजे हर कदम गूँजे गरज की बातें हम लाएंगे जीत की सौगातें [Bridge] सरहद के पार बढ़े वीर क़दम चमके हथियार चमके चाँद कम दुश्मनों का खेल खाक में मिलाएं हम जो ठान लें उसे पूरा बनाएं [Chorus] प्रलय के सिपाही बढ़ते आगे दुश्मन के छुपे दिल ताजे-ताजे हर कदम गूँजे गरज की बातें हम लाएंगे जीत की सौगातें

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